जलम 3 जुलाई, 1977 जोधपुर में चावा-ठावा कवि श्री पारस अरोड़ा रै आंगणै।
बरस 2011 में सोनै रै तगमै साथै एम. ए. (राजस्थानी) अर अबार शोध कारज मांय रुधियोड़ा। राजस्थानी युवा कविता-कहाणी अर भाषा री मान्यता री जूझ सारू ओळखीजतो नांव। बाळपणै सूं ई लिखण-बांचण रै मारग, बगत-बगत माथै आलेख-कवितावां ‘माणक’, ‘आगीवाण’ अर दूजी पत्र-पत्रिकावां में प्रकाशित। ‘नेगचार-1’ (1996) में लघुकथावां छपी नै चावी हुई। विद्यार्थी राजनीति सूं जुड़ाव, बरस 1996 में जयनारायण व्यास वि.वि. जोधपुर रा सचिव पद चुनाव जीत्या। स्टुडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया रा बरसां जिला सचिव रैया। ‘थार सप्तक- 1' (संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’) में कवितावां संकलित अर युवा कविता रै प्रतिनिधि कवि रूप ‘मंडाण’ (संपादक : नीरज दइया) में कवितावां संकलित-प्रकाशित। पैली पोथी छपण री उडीक में। तिमाही ‘अपरंच’ रो संपादन-प्रकाशन। अबार एक दवा कम्पनी मे कर्यरत है।
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